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Inspirational Stories in Hindi – एक छिपकली की हमदर्दी |
Most Inspirational Stories In Hindi, Motivational Hindi Stories, Short Inspirational Stories, Heart Touching Hindi Stories, Hindi Stories With Moral, Short Inspiring Stories :
एक जापानी अपने मकान
की मरम्मत केलिए
उसकी दीवार को
खोल रहा था।
ज्यादातर जापानी घरों में
लकड़ी की दीवारो
के बीच जगह
होती है। जब
वह लकड़ी की
इस दीवार को
उधेड़ रहा तो
उसने देखा कि
वहां दीवार में
एक छिपकली फंसी
हुई थी। छिपकली
के एक पैरमें
कील ठुकी हुई
थी। उसने यह
देखा और उसे
छिपकली पर रहम
आया। उसने इस
मामले में उत्सुकता
दिखाई और गौर
से उस छिपकली
के पैर में
ठुकी कील को
देखा।
की मरम्मत केलिए
उसकी दीवार को
खोल रहा था।
ज्यादातर जापानी घरों में
लकड़ी की दीवारो
के बीच जगह
होती है। जब
वह लकड़ी की
इस दीवार को
उधेड़ रहा तो
उसने देखा कि
वहां दीवार में
एक छिपकली फंसी
हुई थी। छिपकली
के एक पैरमें
कील ठुकी हुई
थी। उसने यह
देखा और उसे
छिपकली पर रहम
आया। उसने इस
मामले में उत्सुकता
दिखाई और गौर
से उस छिपकली
के पैर में
ठुकी कील को
देखा।
अरे यह क्या!
यह तो वही
कील है जो
दस साल पहले
मकान बनाते वक्त
ठोकी गई थी।
यह क्या !!!!
यह तो वही
कील है जो
दस साल पहले
मकान बनाते वक्त
ठोकी गई थी।
यह क्या !!!!
क्या यह छिपकली
पिछले दस सालों
से इसी हालत
से दो चार
है?
पिछले दस सालों
से इसी हालत
से दो चार
है?
दीवार के अंधेरे
हिस्से में बिना
हिले-डुले पिछले
दस सालों से!!
यह नामुमकिन है।
मेरा दिमाग इसको
गवारा नहीं कर
रहा।
हिस्से में बिना
हिले-डुले पिछले
दस सालों से!!
यह नामुमकिन है।
मेरा दिमाग इसको
गवारा नहीं कर
रहा।
उसे हैरत हुई।
यह छिपकली पिछले
दससालों से आखिर
जिंदा कैसे है!!!
बिना एक कदमहिले-डुले जबकि
इसके पैर में
कील ठुकी है!
यह छिपकली पिछले
दससालों से आखिर
जिंदा कैसे है!!!
बिना एक कदमहिले-डुले जबकि
इसके पैर में
कील ठुकी है!
उसने अपना काम
रोक दिया और
उस छिपकली को
गौर से देखने
लगा। आखिर यह
अब तक कैसे
रह पाई और
क्या और
रोक दिया और
उस छिपकली को
गौर से देखने
लगा। आखिर यह
अब तक कैसे
रह पाई और
क्या और
किस तरह की
खुराक इसे अब
तक मिल पाई।
खुराक इसे अब
तक मिल पाई।
इस बीच एक
दूसरी छिपकली ना
जाने कहां से
वहां आई जिसके
मुंह में खुराक
थी। अरे!!!!! यह
देखकर वह अंदर
तक हिल गया।
यह दूसरी छिपकली
पिछले दस सालों
से इस फंसी
हुई छिपकली को
खिलाती रही।
दूसरी छिपकली ना
जाने कहां से
वहां आई जिसके
मुंह में खुराक
थी। अरे!!!!! यह
देखकर वह अंदर
तक हिल गया।
यह दूसरी छिपकली
पिछले दस सालों
से इस फंसी
हुई छिपकली को
खिलाती रही।
जरा गौर कीजिए
वह दूसरी छिपकली
बिना थके और
अपने साथी की
उम्मीद छोड़े बिना लगातार
दस साल से
उसे खिलाती रही।
वह दूसरी छिपकली
बिना थके और
अपने साथी की
उम्मीद छोड़े बिना लगातार
दस साल से
उसे खिलाती रही।
क्या आदमी किसी
के लिए ऐसा
कर सकता है??
के लिए ऐसा
कर सकता है??
अगर एक छोटा
सा जीव ऐसा
कर सकता है
तो वह जीव
क्यों नहीं जिसको
ईश्वर ने सबसे
ज्यादा अक्लमंद बनाया है??
सा जीव ऐसा
कर सकता है
तो वह जीव
क्यों नहीं जिसको
ईश्वर ने सबसे
ज्यादा अक्लमंद बनाया है??
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