मधुबन के मंदिरो में भगवान बस रहा है ।
पारस प्रभु के दर पे सोना बरस रहा है ॥आध्यात्म का यह सोना पारस ने खुद दिया है,
ऋषिओं ने इस धरा से निर्वाण पद लिया है ।
सदिओं से इस शिखर का स्वर्णिम सुयश रहा है,
पारस प्रभु के दर पे सोना बरस रहा है ॥
मधुबन के मंदिरों में…तीर्थंकरों के तप से पर्वत हुआ यह पावन,
केवल्य रश्मिओं का बरसा यहां सावन ।
उस ज्ञानामृत के जल से पर्वत सरस रहा है,
पारस प्रभु के दर पे सोना बरस रहा है ॥
मधुबन के मंदिरों में…
पर्वत के गर्भ में है रत्नो का है वो खजाना,
जब तक है चंन्द सूरज होगा नहीं पुराना ।
जन्मा है जैन कुल में तू क्यों तरस रहा है,
पारस प्रभु के दर पे सोना बरस रहा है ॥
मधुबन के मंदिरों में…नागो को भी यह पारस राजेन्द्र सम बनाए,
उपसरग के समय जो धेन्द्र बन के आए ।
पारस के सर पे देवी पद्मावती यहाँ है,
पारस प्रभु के दर पे सोना बरस रहा है ॥
मधुबन के मंदिरों में…
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Jeevan Hai Paani Ki Bund Kab Mit Jaye Re
जीवन है पानी की बूँद कब मिट जाए रे
होनी अनहोनी कब क्या घाट जाए रेजितना भी कर जाओगे, उतना ही फल पाओगे
करनी जो कर जाओगे, वैसा ही फल पाओगे
नीम के तरु में नहीं आम दिखाए रे
जीवन है पानी की बूँद…चाँद दिनों का जीवन है, इसमें देखो सुख काम है
जनम सभी को मालूम है, लेकिन मृत्यु से ग़ाफ़िल है
जाने कब तन से पंक्षी उड़ जाए रे
जीवन है पानी की बूँद…किस को मने अपना है, अपना भी तो सपना है
जिसके लिए माया जोड़ी क्या वो तेरा अपना है
तेरा हो बेटा तुझे आग लगाए रे
जीवन है पानी की बूँद…गुरु जिस को छू लेते हैं वो कुंदन बन जाता है
तब तक सुलगता दावानल, वो सावन बन जाता है
आतंक का लोहा अब पारस कर ले रे
जीवन है पानी की बूँद…
Baba Kundalpur Wale Ki Bhakti Karo Jhoom Jhoom Ke
बाबा कुण्डलपुर वाले की भक्ति करो झूम झूम के
झूम झूम के, घूम घूम के,
घूम घूम के, झूम झूम के
विद्यासागर छोटे बाबा की भक्ति करो झूम झूम के
बाबा कुण्डलपुर वाले की…कुण्डलपुर की सुन्दर पहड़िया
पहड़िया पे है सुन्दर अटरिया
झूम झूम के, घूम घूम के,
जहा विराजे बड़े बाबा, भक्ति करो झूम झूम के
बाबा कुण्डलपुर वाले की…नए मंदिर में हुआ रे कमाल है
बड़े बाबा की मूरत विशाल है
झूम झूम के, घूम घूम के,
मंदिर विराजे बड़े बाबा की भक्ति करो झूम झूम के
बाबा कुण्डलपुर वाले की…
विद्यासागर जी का यह सपना
सपना देखो हो गया अपना
झूम झूम के घूम घूम के
से उठ गए बाबा, भक्ति करो झूम झूम के
बाबा कुण्डलपुर वाले की….बाज रहे मृदिंग मजीरा
सारे जग की हर ली है पीड़ा
झूम झूम के, घूम घूम के
बिगड़ी बना दे बड़े बाबा की भक्ति करो झूम झूम के
बाबा कुण्डलपुर वाले की…
Jab Se Guru Darsh Mila Manwa Mera Khila Khila
पूछो मेरे दिल से यह पैगाम लिखता हूँ, गुजरी बाते तमाम लिखता हूँ
दीवानी हो जाती वो कलम, हे गुरुवार जिस कलम से तेरा नाम लिखता हूँजब से गुरु दर्श मिला, मनवा मेरा खिला खिला
मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे
मेरी तो पतंग उड़ गयी रेफांसले मिटा दो आज सारे, होगये गुरूजी हम तुम्हारे
मनका का पंछी बोल रहा, संग संग डोल रहा
मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे, मेरी तो पतंग उड़ गयी रेआज यह हवाएँ क्यों महकती, आज यह घटाएं क्यों चहकती
अंग अंग में उमंग, बड़ रही है संग संग
मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे, मेरी तो पतंग उड़ गयी रेतुम्ही ही समय सार मेरे, तुम्ही हो नियम सार मेरे
खिल रही है कलि कलि, महक रही गली गली
मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे, मेरी तो पतंग उड़ गयी रे
Mantra Namokar Hame Prano Se Pyara
मंत्र णमोकार हमें प्राणो से प्यारा
यह हो वो जहाज जिसने लाखों को तारणमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्व साहूणंअरिहंतों को नमन हमारा, अशुभ धर्म अरि हनन करें
सिद्धों के सुमिरन से आत्मा सिद्ध क्षेत्र को गमन करे
भव भव में ना हो जनम दोबारा,
मंत्र णमोकार हमें प्राणो से प्यारा…आचार्यों के आचारों से निर्मल निज आचार करें
उपाधयाय को ध्यान धरें हम संवारता सत्कार करें
सर्व साधू को नमन हमारा,
मंत्र णमोकार हमें प्राणो से प्यारा…णमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्व साहूणंसोते उठते, चलते फिरते इसी मंत्र का जाप करे
ताप हमारे तो उनका भी छेदअपने आप करें
इसी मंत्र का लेलो सहारा,
मंत्र णमोकार हमें प्राणो से प्यारा…