Sanware Ke Diwano Ki Mehfil Aaj Phir Se Sajai Gayi Hai

साँवरे के दीवानो की महफ़िल
आज फिर से सजाई गयी है
आज फिर से सजाई गयी है

सारे भक्तों ने मिलकर के देखो
लौ प्रभु से लगाई हुई है

ऊँचे आसन पे बाबा विराजे
उनकी आँखों से करुणा बरसती
उनके भक्तों की आँखें ना पूछो
चरणों में बिछायी हुई है

साँवरे के दीवानो की महफ़िल
आज फिर से सजाई गयी है

भक्ति की रात का है ये आलम
जो जहाँ है वहीं पे मगन है
हर दिशा से है अमृत बरसता
यहाँ जन्नत बसाई गयी है

साँवरे के दीवानो की महफ़िल
आज फिर से सजाई गयी है

आये आये घर श्याम हमारे
मेरे पग घुंघरू बजे
नाचूँ नाचूँ मैं श्याम के आगे
मेरे पग घुंघरू बजे

श्याम आये तो ऐसा लगा आज
की घर मेरे चाँद निकला
जैसे पुनम की हो ये रात
जब घर मेरे चाँद निकला
घर मेरे चाँद निकला

बाबा आये तो ऐसा लगा आज
की घर मेरे चाँद निकला
जैसे पुनम की हो ये रात
जब घर मेरे चाँद निकला
घर मेरे चाँद निकला

लगन तुमसे लगा बैठे
जो होगा देखा जायेगा
तुम्हें अपना बना बैठे
जो होगा देखा जायेगा

तन महका है मन भी है महका
ये प्रभु की कृपा का असर है
फुल भक्ति का मन में खिला है
यहाँ खुशबू उड़ाई गयी है

साँवरे के दीवानो की महफ़िल
आज फिर से सजाई गयी है
सारे भक्तों ने मिलकर के देखो
लौ प्रभु से लगाई हुई है

साँवरे के दीवानो की महफ़िल
आज फिर से सजाई गयी है


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