Bachon Ka Bachpan Shayari – Miss You Childhood Hindi Poetry Picture

प्रसिद्ध शायरों द्वारा लिखी बचपन,बच्चे, बच्चों विषय पर चुनिंदा 50 हिंदी शेर जोकि 2 लाइन्स में लिखे गए है. बचपन को याद करना जब हम रोजमर्रा की ज़िन्दगी में लोगो के छलकपट, झूठ, बेईमानी, स्वार्थीपन से गुजर रहे होते है तो हम सभी को बचपन की बहुत याद आती है जो सच में छल कपट और बनावट से दूर और मासूमियत से भरा होता है. जब हम रिश्ते सँभालने और रोज़ी रोटी कमाने और ज़िन्दगी के उतार चढ़ाव से गुजर रहे होते है तो दिल करता है की काश हम फिर से बच्चे बन जाये और बचपन में वापस पहुंच जाएँ. गरीब बचपन जिसमें कई बार माँ बाप अपने बच्चों को ठीक से 2 समय का भोजन भी नहीं करा पाते और बच्चों को उनकी पसंद के खिलोने तक दिला पाने में असमर्थ होते है ये सब भी आपको इन शेरो शायरी में मिलेगा. बचपन शायरी हिंदी में, बच्चों पर शायरी, बचपन की याद शायरी, बच्चे शायरी, बच्चा शायरी, चाइल्डहुड शायरी, बचपना शायरी, हिंदी में चाइल्डहुड पोएट्री, बचपन सुविचार हिंदी में, हिंदी सुविचार बचपन, हिंदी सुविचार बच्चों पर, गरीब बचपन शायरी, प्रसिद्ध शायरों की बचपन शायरी, फेमस पोएट चाइल्डहुड हिंदी शायरी, मिस यू बचपन Shayari, मिसिंग यू चाइल्डहुड हिंदी पोएट्री :

कितना आसान था बचपन में सुलाना हम को
नींद आ जाती थी परियों की कहानी सुन कर
भारत भूषण पन्त
Bachpan Mein Sulana Shayari, Neend Shayari, Pariyon Ki Kahani Poetry Wallpaper



कितना आसान था बचपन में सुलाना हम को
नींद आ जाती थी परियों की कहानी सुन कर
भारत भूषण पन्त
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

अजब क्या है जो नौ-ख़ेज़ों ने सब से पहले जानें दीं
कि ये बच्चे हैं इन को जल्द सो जाने की आदत है
शिबली नोमानी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

अटा है शहर बारूदी धुएँ से
सड़क पर चंद बच्चे रो रहे हैं
रासिख़ इरफ़ानी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

अपनी ग़ुर्बत की कहानी हम सुनाएँ किस तरह
रात फिर बच्चा हमारा रोते रोते सो गया
इबरत मछलीशहरी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

अपने ख़ून से इतनी तो उम्मीदें हैं
अपने बच्चे भीड़ से आगे निकलेंगे
शकील जमाली
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

अपने बच्चों को मैं बातों में लगा लेता हूँ
जब भी आवाज़ लगाता है खिलौने वाला
राशिद राही
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

अब तक हमारी उम्र का बचपन नहीं गया
घर से चले थे जेब के पैसे गिरा दिए
नश्तर ख़ानक़ाही
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=




अब बच के कहाँ जाए हर इक सम्त है दीवार
बीवी मिरे पीछे है तो बच्चा मिरे आगे
नज़र बर्नी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

अभी तो घर में न बैठें कहो बुज़ुर्गों से
अभी तो शहर के बच्चे सलाम करते हैं
अब्बास ताबिश
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

अलमारी में तस्वीरें रखता हूँ
अब बचपन और बुढ़ापा एक हुए
अख़्तर होशियारपुरी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

अश्क-ए-ग़म दीदा-ए-पुर-नम से सँभाले न गए
ये वो बच्चे हैं जो माँ बाप से पाले न गए
मीर अनीस
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

असीर-ए-पंजा-ए-अहद-ए-शबाब कर के मुझे
कहाँ गया मिरा बचपन ख़राब कर के मुझे
मुज़्तर ख़ैराबादी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

आज-कल तो सब के सब टीवी के दीवाने हुए
वर्ना बच्चे तो लिया करते थे पागल के मज़े
बद्र वास्ती
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

आया है इक राह-नुमा के इस्तिक़बाल को इक बच्चा
पेट है ख़ाली आँख में हसरत हाथों में गुल-दस्ता है
ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=




इक खिलौना जोगी से खो गया था बचपन में
ढूँढता फिरा उस को वो नगर नगर तन्हा
जावेद अख़्तर
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

कुछ नहीं चाहिए तुझ से ऐ मिरी उम्र-ए-रवाँ
मिरा बचपन मिरे जुगनू मिरी गुड़िया ला दे
नोशी गिलानी
Bachpan Jugnu Gudiya Hindi Shayari Wallpaper Sad Girl Remembering Her Childhood

कुछ नहीं चाहिए तुझ से ऐ मिरी उम्र-ए-रवाँ
मिरा बचपन मिरे जुगनू मिरी गुड़िया ला दे
नोशी गिलानी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

इक मंज़र में पेड़ थे जिन पर चंद कबूतर बैठे थे
इक बच्चे की लाश भी थी जिस के कंधे पर बस्ता था
अंजुम तराज़ी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

इतने में और चर्ख़ ने मिट्टी पलीद की
बच्चे ने मुस्कुरा के ख़बर दी जो ईद की
अज्ञात
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

इन से वाबस्ता है मिरा बचपन
मैं खिलौनों की क़द्र करता हूँ
बशीर महताब
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

इश्क़ के हिज्जे भी जो न जानें वो हैं इश्क़ के दावेदार
जैसे ग़ज़लें रट कर गाते हैं बच्चे स्कूल में
अमीक़ हनफ़ी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

इसे बच्चों के हाथों से उठाओ
ये दुनिया इस क़दर भारी नहीं है
फ़रहत एहसास

=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते
बशीर बद्र
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=




उम्र ही तेरी गुज़र जाएगी उन के हल में
तेरा बच्चा जो सवालात लिए बैठा है
हामिद मुख़्तार हामिद
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

उस के बच्चे नहीं थकते मुझे मामूँ कहते
जिस की जानिब मिरा रुज्हान था अच्छा-ख़ासा
ओसामा मुनीर
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

उस के माँ बाप नहीं हैं शायद
वर्ना उस में कहीं बच्चा होता
नवीन जोशी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

उस के हाथ में ग़ुब्बारे थे फिर भी बच्चा गुम-सुम था
वो ग़ुब्बारे बेच रहा हो ऐसा भी हो सकता है
सय्यद सरोश आसिफ़
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

उस पर ही भेजता है वो आफ़त भी मौत भी
शायद उसे ग़रीब का बच्चा है ना-पसंद
इम्दाद आकाश
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

उसे खिलौनों से बढ़ कर है फ़िक्र रोटी की
हमारे दौर का बच्चा जनम से बूढ़ा है
अब्दुस्समद ’तपिश’
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

एक बच्चा ज़ेहन से पैसा कमाने की मशीन
दूसरा कमज़ोर था सो यर्ग़माली हो गया
अहमद शनास
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

एक बच्चा सा बे-सबब ‘जाज़िल’
बैठा रहता है रूठ कर मुझ में
जीम जाज़िल
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=




एक हाथी एक राजा एक रानी के बग़ैर
नींद बच्चों को नहीं आती कहानी के बग़ैर
मक़सूद बस्तवी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

किसी ने रख दिए ममता-भरे दो हाथ क्या सर पर
मिरे अंदर कोई बच्चा बिलक कर रोने लगता है
वसीम बरेलवी
Bachcha Shayari – Mamta Bhare Do Hath – Bilakh Kar Rone Lagta Hai Poetry Picture

किसी ने रख दिए ममता-भरे दो हाथ क्या सर पर
मिरे अंदर कोई बच्चा बिलक कर रोने लगता है
वसीम बरेलवी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

और कुछ यूँ हुआ कि बच्चों ने
छीना-झपटी में तोड़ डाला मुझे
रसा चुग़ताई
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=




और ‘फ़राज़’ चाहिएँ कितनी मोहब्बतें तुझे
माओं ने तेरे नाम पर बच्चों का नाम रख दिया
अहमद फ़राज़
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

कई दिन से शरारत ही नहीं की
मिरे अंदर का बच्चा लापता है
अमित शर्मा मीत
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से
कहीं भी जाऊँ मिरे साथ साथ चलते हैं
बशीर बद्र
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

कमरे में आ के बैठ गई धूप मेज़ पर
बच्चों ने खिलखिला के मुझे भी जगा दिया
फ़ज़्ल ताबिश
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

कल यही बच्चे समुंदर को मुक़ाबिल पाएँगे
आज तैराते हैं जो काग़ज़ की नन्ही कश्तियाँ
हसन अकबर कमाल
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

क़लम उठाऊँ कि बच्चों की ज़िंदगी देखूँ
पड़ा हुआ है दोराहे पे अब हुनर मेरा
लईक़ आजिज़
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

काग़ज़ की नाव भी है खिलौने भी हैं बहुत
बचपन से फिर भी हाथ मिलाना मुहाल है
ज़हीर ग़ाज़ीपुरी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

किस की सदा फ़ज़ाओं में गूँजी है चार-सू
किस ने मुझे पुकारा है बचपन के नाम से
हैदर अली जाफ़री
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

किसी बच्चे से पिंजरा खुल गया है
परिंदों की रिहाई हो रही है
ज़िया ज़मीर
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=




‘कैफ़’ यूँ आग़ोश-ए-फ़न में ज़ेहन को नींद आ गई
जैसे माँ की गोद में बच्चा सिसक कर सो गया
कैफ़ अहमद सिद्दीकी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

कॉलेज के सब बच्चे चुप हैं काग़ज़ की इक नाव लिए
चारों तरफ़ दरिया की सूरत फैली हुई बेकारी है
राहत इंदौरी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

कोई स्कूल की घंटी बजा दे
ये बच्चा मुस्कुराना चाहता है
शकील जमाली
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

कौन कहे मा’सूम हमारा बचपन था
खेल में भी तो आधा आधा आँगन था
शारिक़ कैफ़ी
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

ख़याली दोस्तों के अक्स से खेलोगे कब तक
मेरे बच्चे कभी मिल लो भरे घर में किसी से
नोमान शौक़
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

ख़लिश-ए-इश्क़ से बचपन है दिल एक तरफ़
इस पे या-रब ग़म-ए-हस्ती भी उठाना है हमें
ज़फ़र ताबाँ
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

‘ख़िज़ाँ’ कभी तो कहो एक इस तरह की ग़ज़ल
कि जैसे राह में बच्चे ख़ुशी से खेलते हैं
महबूब ख़िज़ां
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

खिलौने की तड़प में ख़ुद खिलौना वो न बन जाए
मिरा बच्चा सड़क पर रेज़गारी ले के निकला है
रऊफ़ ख़ैर
=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=#=

Bal Diwas Shayari, Children Day Par Shayari, Children Day Shayari, Bal Diwas Par Shayari,