मंगल मूरति मारुती नंदन
सकल अमंगल मूल निकंदनपवन तनय संतन हितकारी
हृदय विराजत अवध बिहारीमात पिता गुरु गणपत शारद
शिवा समेत शभु सुक नारदचरण बंदी बिनवौ सब काहू
देहु राम पद नेह निबाहूबन्दहुँ राम लखन बैदेही
यह तुलसी के प्रमा सनेही
Category: Hanuman Bhajans
Pooja Karo Hanuman Ki Bolo Ram Ram Ji
पूजा करो हनूमान की, बोलो राम राम जी
पीला पीताम्बर मेरे राम और लक्ष्मण
लाल लंगोट हनुमान जी, राम रामकेसर तिलक मेरे राम और लक्ष्मण
लाल सिन्दूर हनुमान जी, राम रामखट्टे मीठे मेरे राम और लक्ष्मण
चूरमे का लड्डू हनुमान जी, राम रामरावण को मारा मेरे राम और लक्ष्मण
लंका जलाई हनुमान जी, राम रामसोने के सिंहासन पे मेरे राम और लक्ष्मण
चरणों मैं हनुमान जी, राम रामदसरथ पुत्र मेरे राम और लक्ष्मण
पवन पुत्र हनुमान जी, राम राम
Duniya Mein Dev Hazaro Hai Bajrang Bali Ka Kya Kehna
दुनिया मे देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहना
इनकी शक्ति का क्या कहना, इनकी भक्ति का क्या कहना
दुनिया मे देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहनाये सात समुन्दर लांग गए और गढ़ लंका मे कूद गए
रावन को डराना क्या कहना, लंका को जलाना क्या कहना
दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहनाजब लक्ष्मन जी बेहोश हुए, संजीवनी बूटी लाने गए
परबत को उठाना क्या कहना, लक्ष्मन को जिवाना क्या कहना
दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना‘बनवारी’ इनके सीने मे सिया राम की जोड़ी रहती है
ये राम दिवाना क्या कहना, गुण गाये जमाना क्या कहना
दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना
Salasar Ke Mandir Mein Hanuman Viraje Re
थारे झांझ नगाड़ा बाजे रे,
सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे।
हनुमान विराजे रे बठे बजरंग विराजे रे॥भारत राजस्थान में जी सालासर एक ग्राम,
सूरज शामी बनो देवरों महमा अप्रम पार।
थारे लाल ध्वजा फेहरावे रे,
सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे॥नारेला की गिनती कोनी बाबा सुवरण छत्र हजार,
दूर देश से दर्शन करने आवे नर और नार।
थारे जात जडूला लादे रे,
सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे॥राम दूत अंजनी के सुत्त का धरे हमेशा ध्यान,
सेवक गण चरणों का चाकर लाज रखो हनुमान।
बाबा बडो पार लगावे रे,
सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे॥
Mangal Murti Ram Dulare Aan Pada Ab Tere Dware
मंगल मुरति राम दुलारे, आन पड़ा अब तेरे द्वारे |
हे बजरंगबली हनुमान , हे महावीर करो कल्याण ||तीनो लोक तेरा उज्यारा, दुखिओं का तूने काज सावरा |
हे जगवंदन, केसरी नंदन , कष्ट हरो हे कृपा निधन ||तेरे द्वारे जो भी आया, खली नहीं कोई लोटाया |
दुर्गम काज बनावन हारे, मंगलमय दीजो वरदान ||तेरा सुमिरन हनुमार वीरा, नासे रोग हरे सब पीरा |
राम लखन सीता मन वसीय शरण पड़े का कीजे ध्यान ||