सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ।

सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे नैन तिरछे, दूसरा काजल लगा ।
तीसरा नज़रें मिलाना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे होंठ पतले, दूसरा लाली लगी ।
तीसरा तेरा मुस्कुराना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे हाथ कोमल, दूसरा मेहँदी लगी ।
तीसरा मुरली बजाना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे पाँव नाज़ुक, दूसरा पायल बंधी ।
तीसरा घुंगरू बजाना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे भोग छप्पन, दूसरा माखन धरा ।
तीसरा खिचडे का खाना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे साथ राधा दूसरा रुक्मण खड़ी ।
तीसरा मीरा का आना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तुम देवता हो, दूसरा प्रियतम मेरे ।
तीसरा सपनों में आना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

Bal Diwas Shayari, Children Day Par Shayari, Children Day Shayari, Bal Diwas Par Shayari


पकड़ लो हाथ बनवारी नहीं तो डूब जाएंगे लिरिक्स

पकड़ लो हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे,
हमारा कुछ ना बिगड़ेगा, तुम्हारी लाज जाएगी,
पकड़ लों हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएँगे,

धरी है पाप की गठरी, हमारे सर पे ये भारी,
वजन पापों का है भारी, इसे कैसे उठाएँगे,
पकड़ लों हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएँगे,

तुम्हारे ही भरोसे पर, ज़माना छोड़ बैठें हैं,
जमाने की तरफ देखो, इसे कैसे निभाएँगे,
पकड़ लों हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएँगे,

दर्दे दिल की कहें किससे, सहारा ना कोई देगा,
सुनोगे आप ही मोहन, और किसको सुनाऐंगे,
पकड़ लों हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएँगे,

फँसी है भँवर में नैया, प्रभु अब डूब जाएगी,
खिवैयाँ आप बन जाओ, तो बेड़ा पार हो जाये,
पकड़ लों हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएँगे,
पकड़ लों हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएँगे,
हमारा कुछ ना बिगड़ेगा, तुम्हारी लाज जाएगी,
पकड़ लों हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएँगे,


Yun Bajao Na Murli Ki Taan Re, Taan Le Legi Jaan Re

यूँ बजाओ ना मुरली की तान रे, तान ले लेगी जान रे ।
कहीं छूट ना जाए, मेरे दिल की कमान रे ।
कान्हा कहना तो मेरा मान रे, तान ले लेगी जान रे ।

ऐसे ना बंशी बजाया करो, कान्हा ना हमको सताया करो ।
कहीं छूट ना जाए, मेरे दिल की कमान रे ॥

दिल दे दिया तो दर्द बढ़ेगा, तुम पर हमारा कर्ज बढ़ेगा ।
कहीं छूट ना जाए, मेरे दिल की कमान रे ॥

जन्मों का अपना नाता रहेगा, तो ‘पप्पू शर्मा’ गाता रहेगा ।
कहीं छूट ना जाए, मेरे दिल की कमान रे ॥


Dar Tumhara Mila Har Khushi Mil Gayi Ab Zamane Ki Khushiyan Mile Na Mile

दर तुम्हारा मिला हर ख़ुशी मिल गयी
अब ज़माने की खुशियां मिले ना मिले
आपके प्यार की इतनी दौलत मिली
अब ज़माने की दौलत मिले ना मिले

ना भुल पाऊँ मैं
दुनियां ने जब सताया था
तुम्हीं ने सांवरे मुझको
गले लगाया था
भरोसा टूट गया
मतलबी ज़माने से
शरण में आपके
मैंने ठिकाना पाया था
ठिकाना पाया था
आपका युँ सदा हाथ सिर पे रहे
फिर ज़माने की छतरी मिले ना मिले

दर तुम्हारा मिला हर ख़ुशी मिल गयी
अब ज़माने की खुशियां मिले ना मिले

ह्रदय में सांवरे
तुम को ही अब बसाया है
तुम्हारे प्यार में
मैंने जहां भुलाया है
नहीं उम्मीद है दुनियां
के ठेकेदारों से
तेरी चौखट पे आके
ये तो सर झुकाया है
सर झुकाया है
भूलकर भी कभी ना भुलाना हमें
साथ जालिम जहां का मिले ना मिले

दर तुम्हारा मिला हर ख़ुशी मिल गयी
अब ज़माने की खुशियां मिले ना मिले

तुम्हीं हो सांस में
तुम्हीं हो मेरी धड़कन में
ना कोई और आ सकेगा
मेरे जीवन में
है इतनी आरज़ू
इतना तो बाबा कर देना
ये मेरे प्राण भी निकले
तो तेरे आँगन में
आखरी वक़्त में
सामने तू रहे
हर्ष को फिर वो
लम्हा मिले ना मिले
दर तुम्हारा मिला हर ख़ुशी मिल गयी
अब ज़माने की खुशियां मिले ना मिले


Bas Itni Tamanna Hai Bas Itni Tamanna Hai Shyam Tumhe Dekhun Ghanshyam Tumhe Dekhun

बस इतनी तमन्ना है, बस इतनी तमन्ना है,
श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं ।

सर मुकुट सुहाना हो, माथे तिलक निराला हो,
गल मोतियन माला हो, श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं…

कानो में हो बाली, लटके लट घुंघराली,
तेरे अधर पे मुरली हो, श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं…

बाजू बंद बाहों पे, पैजनियाँ पाओं में,
होठों पे हसी कुछ हो, श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं…

दिन हो अँधेरा हो, चाहे शाम सवेरा हो,
सोऊँ तो सपनो में, श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं…

चाहे घर हो नंदलाला, कीर्तन हो गोपाला,
हर जग के नज़ारे में, श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं…

कहता है कमल ए कृष्ण, सौगात मुझे यह दे,
जिस और नज़र फेरूँ, श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं…