Skip to content

वक़्त ने ज़रा सी करवट क्या ली
गैरो की लाइन में सबसे
आगे पाया अपनों को!!!!!

ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें
भी परेशान हो जाएं!
अगर परिंदे भी हिन्दू
और मुसलमान हो जाएं…

जब टूटने लगे हौसले तो बस ये याद रखना,
बिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होते,
ढूंढ़ लेना अंधेरों में मंजिल अपनी,
जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते।

मुझे वजह न दो हिन्दू या
मुसलमान होने कि,
मुझे तो सिर्फ तालीम चाहिए
एक “इंसान” होने की..

परेशानियों से भागना आसान होता है
हर मुश्किल ज़िन्दगी में एक इम्तिहान होता है
हिम्मत हारने वाले को कुछ नहीं मिलता ज़िन्दगी में
और मुश्किलों से लड़ने वाले के क़दमों में ही तो जहाँ होता है